चकबंदी विभाग की लापरवाही पर बरसे ‘पूर्वांचल गांधी’ डॉ. संपूर्णानंद मल्ल

Picture of admin

admin

चकबंदी विभाग की लापरवाही पर बरसे ‘पूर्वांचल गांधी’ डॉ. संपूर्णानंद मल्ल.

सहायक चकबंदी अधिकारी के आश्वासन पर सत्याग्रह टला,

4 जुलाई को समाधान का दिया आश्वासन

रिपोर्ट: के.एन. साहनी, देवरिया | 3 जुलाई 2025

देवरिया जिले में ज़मीन विवाद और चकबंदी विभाग की कार्यशैली के विरोध में जाने-माने समाजसेवी डॉ. संपूर्णानंद मल्ल ने आज से सत्याग्रह शुरू करने की घोषणा की थी। लेकिन सहायक चकबंदी अधिकारी जितेन्द्र प्रसाद द्वारा 4 जुलाई को स्थल पर पहुँचकर समस्या के समाधान का आश्वासन दिए जाने के बाद फिलहाल सत्याग्रह स्थगित कर दिया गया है।



‘पूर्वांचल गांधी’ के नाम से विख्यात डॉ. मल्ल मंगलवार को देवरिया चकबंदी कार्यालय पहुंचे और उन्होंने स्पष्ट किया कि वे कार्यालय गेट पर शांतिपूर्ण सत्याग्रह करेंगे। इस पर सहायक चकबंदी अधिकारी ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे 4 जुलाई को टीम के साथ मौके पर जाकर मामले का निस्तारण करेंगे।

11 महीने से लंबित नक्शा, अवैध घुसपैठ का आरोप

डॉ. मल्ल का कहना है कि ग्राम घुड़ीकुंड कला (तहसील देवरिया सदर) में अप्रैल 2024 में चकबंदी अधिकारियों की उपस्थिति में सीमांकन किया गया था, जिसमें प्रतिपक्ष की सहमति भी दर्ज हुई थी। बावजूद इसके, 11 महीने बीत जाने के बाद भी चकबंदी नक्शा तैयार नहीं किया गया। उनका आरोप है कि यदि समय पर नक्शा बना दिया गया होता, तो 11 मार्च 2025 को उनके खेत में अवैध घुसपैठ और दोबारा चकबंदी जैसी घटनाएं नहीं होतीं।

प्रमुख माँगें: नक्शा, निष्कासन, एफआईआर और नया विभाग

डॉ. मल्ल ने प्रशासन को चार प्रमुख माँगें सौंपी हैं
1. चकबंदी अनुसार नक्शा बनाकर पैमाइश कराई जाए।
2. कानूनगो राजेन्द्र शर्मा को बर्खास्त किया जाए।
3. दीपन, सुभन और शत्रुघ्न जैसे अपराधियों पर एफआईआर दर्ज की जाए।
4. जिले में DLDDD (जिला भूमि विवाद निस्तारण विभाग) की स्थापना की जाए, जो 30 दिनों के भीतर भूमि विवादों का निस्तारण सुनिश्चित करे।

उनका कहना है, “प्रदेश में 80% अपराध ज़मीनी विवादों के कारण होते हैं। DLDDD जैसे ढांचे से इन विवादों और उनसे उत्पन्न हिंसा पर रोक संभव है।”

स्वास्थ्य और सुरक्षा की माँग

डॉ. मल्ल ने अपने स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि उन्हें लीवर और फेफड़ों में सूजन है, इसलिए उन्होंने सत्याग्रह स्थल पर मेडिकल वैन की व्यवस्था की माँग की है। साथ ही, संभावित हमले की आशंका जताते हुए प्रशासन से जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।

सम्मन को बताया अपमानजनक

18 मई को सहायक चकबंदी अधिकारी द्वारा भेजे गए सम्मन को लेकर डॉ. मल्ल ने गहरा आक्रोश प्रकट किया। उन्होंने कहा, “जीवन में पहली बार मुझे सम्मन मिला है। न तो किसी ने कभी बुलाया, न ही मैंने कोई आदेश की अवहेलना की है। यह एक अपमानजनक कदम है।”

Related Post